चाँदी की वरक़ वालि मिठाई बनाती है जानवरो की आंत से :CHANDI VARAKH/SILVER FOIL IS NOT VEGETARIAN
चाँदी वरक़ बनाने के लिए चांदी को पशुओं की अति लचीली आंतों के बीच रख कर पीट - पीट कर एक चादर में ढाला जाता है और इसकी मोटाई मात्र कुछ माइक्रोमीटर ही रह जाती है। इसे सहेजने के लिए इसे कागज की परतों के बीच रखा जाता है और इसे उपयोग से पहले इन कागजों मे से निकाला जाता है। यह बहुत ही नाज़ुक होता है और छूने पर छोटे छोटे टुकड़ों में टूट जाता है। क्योंकि वरक़ बनाने के लिए चांदी को पशुओं की अति लचीली आंतों के बीच रख कर पीटा जाता है और इन आंतों का कुछ हिस्सा इस वर्क का भी हिस्सा बन जाता है इसलिए, वरक़ एक तरह से एक मांसाहारी उत्पाद है।
चाँदी वरक़ बनाने के लिए चांदी को पशुओं की अति लचीली आंतों के बीच रख कर पीट - पीट कर एक चादर में ढाला जाता है और इसकी मोटाई मात्र कुछ माइक्रोमीटर ही रह जाती है। इसे सहेजने के लिए इसे कागज की परतों के बीच रखा जाता है और इसे उपयोग से पहले इन कागजों मे से निकाला जाता है। यह बहुत ही नाज़ुक होता है और छूने पर छोटे छोटे टुकड़ों में टूट जाता है। क्योंकि वरक़ बनाने के लिए चांदी को पशुओं की अति लचीली आंतों के बीच रख कर पीटा जाता है और इन आंतों का कुछ हिस्सा इस वर्क का भी हिस्सा बन जाता है इसलिए, वरक़ एक तरह से एक मांसाहारी उत्पाद है।
चांदी का वर्क लगी मिठाई आप जरूर खरीदते होंगे क्योंकि चांदी का वर्क लगी
मिठाइयां देखने में सुंदर लगती हैं। किसी भी शुभ कार्य में चांदी के वर्क
लगी मिठाई, चांदी का वर्क लगा पान आदि जरूर लाया जाता है और लोग इसे
शाकाहारी मानते हैं. हांलाकि चांदी
का वर्क वास्तव में शुद्ध चांदी का होता ही नहीं है बल्कि एल्मीनियम जैसी
किसी चमकीली धातु से बनाया जाता है। चांदी के वर्क बनाने के लिए हर वर्ष 116000 जानवरों
की हत्या की जाती है। चांदी के वर्क के बारे में लखनऊ के इंडियन इंस्टीटय़ूट
आफ टाक्सकोलॉजी रिसर्च (आईआईटीआर) के अध्यनन के मुताबिक बाजार में उपलब्ध
चांदी के वर्क में निकल, लेड, क्रोमियम और कैडमियम बहुतायत मात्रा में पाया
जाता है। इसको खाने से कैंसर जैसे घातक रोग हो सकता है।
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